हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , क़ाएम मुक़ाम मुदीर हौज़ा ए इल्मिया क़ुम हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन हामिद मल्की ने मदरसा ए इल्मिया मासूमिया क़ुम में जदीदुल वुरूद और उनके वालिदीन के हमराह मुनअकद नशिस्त में तुलबा के ख़ानदानों से मुखातिब होकर कहा,सबसे पहले मोहतरम वालिदीन को मुबारकबाद पेश करनी चाहिए कि इस फिक्री व सक़ाफती मसाइल के दौर में जो मज़हबी और हौज़वी मराकिज़ के खिलाफ चलाया जा रहा है वह इस तरह की बा-ईमान ज़िंदगी गुज़ारने में कामयाब रहे कि ईमान और वह भी आम ईमान नहीं बल्कि गहरी अक़ीदत और मज़बूत नज़रयाती बुनियादों पर क़ाएम ईमान, उनकी औलाद के वुजूद में परवान चढ़ सका है।
उन्होंने हौज़ा की तरफ रग़बत के मोअस्सिर अवामिल का तज्जिया करते हुए कहा,यह शौक़ और रग़बत यक़ीना रुज़ ए हलाल, तवस्सुल, दुआ और अदिया के असर का नतीजा है जिन्होंने मिलकर उन दिलों का ज़ौक़ इस सिम्त माइल कर दिया है।
क़ाएम मुक़ाम मुदीर हौज़ा ए इल्मिया क़ुम ने बच्चों की दीनी तालीम के हुसूल में ख़ानदानों के करदार पर ज़ोर देते हुए कहा,इन तमाम सालों में, मैंने कोई ऐसा तालिबे-इल्म नहीं देखा जो तालिबे-इल्म होने के अपने फर्ज को सही तरीके से अदा करता हो और न कभी मोहताज रहा हो। यहाँ इंसान अपने पूरे वुजूद से इमामे जमाना अज्जलल्लाहु तआला फरजहुल शरीफ की इनायात और अलताफ का मुशाहिदा करता है।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मल्की ने अपने ज़ाती तजरबे का हवाला देते हुए कहा, मेरे वालिद ने मेरा साथ दिया और उनकी हिमायत से मैं हौज़ा एल्मिया में दाखिल हुआ आप भी उन्हें हौसला दें और उनकी मदद करें ताकि यह इनशाअल्लाह बा-अमल उलेमा बनें।
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